जिंदगी सिर्फ बीतते समय के साथ वढ़ते बैंक बैलेंस का ही नाम नहीं है।इसमें एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान उस पलायन का है जो कुछ लोग -कड़ी शराव,कुछ लोग -माल-,कुछ लोग ऊंचे पहाड़ो,गहरी घाटियों,नक्षत्रों और कुछ गहराती शाम के आगमन में भी ढ़ूंढ़ लेने के प्रयत्नों में लगे पाये जाते हैं।जीवन का यही वर्णक्रम गीता में माया कहा गया....।और ,बच्चन, जी इसी माया को यूं स्वीकारते हैं-

तेरी दुनियां को प्यार किया है मैने। , ग्यानी ने मुझसे कहा कि यह माया है, तूने नासमझी में धोखा खाया है, रस्सी का टुकड़ा है गजरा लगता है, यह सत्य नहीं है सपने की छाया है, जादूगर यह अपराध न कहलाया है, तेरा जादू स्वीकार किया है मैने।तेरी दुनियां को........। तो मैं वस यही करने चला हूं इस व्लाग के माध्यम से।

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