फ्रांस-द ग्रेट नेपोलियन बाला,फ्रेंच रेवोल्यूशन बाला,दो विश्व युद्धों में प्रत्यक्ष जूझने बाला,ओलिवर-विल्बर बन्धुओं के पहले एयर प्लेन बाला......।नेपोलियन ने जब बहुत सीमित सेना लेकर इजिप्ट की मुस्लिम दर्प से लदी विशाल सेना को वस कुछ ही देर में परास्त कर दिया......इजिप्ट ने महसूस किया....बे व्यर्थ ही खुद को इस्लामी दर्प के झूठे कोहरे में उलझे थे।कैरो यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने लिखा-अव हम फ्रेन्च आर्मी की संगठित सेना,उनकी जीवन -शैली ही नहीं उनके कैवरे न्ृत्य भी पसंद करने लगे थे।.....क्या तब से जमाना और बड़े अंतर पर नहीं आ गया है।क्या टर्की एण्ड कम्पनी आत्म-हत्या की ओर नहीं बढ़ रहे।भारत में भी देश-घातक तवका जो अवतक मुखौटे ओढ़े था उघड़ गया है और उसके राक्षसी दांत दिख गये हैं।अतः ऐ भारत सावधान-यू आर ऐट सीरियस रिस्क।
भारत के लिये निकट भूत से( 2014) पीछे नौवीं शताव्दी तक का समय अभिषापित,दुर्भाग्य,लूट,कत्ल,विध्वंस,स्त्री व्यभिचार,वेश्यावृत्ति,उजाड़ और छीना झपटी से भरा रहा।यूं तो विदेशी हुक्मरान पैशाचिक धर्मी थे तो उनके निरंकुश कुकर्मों का भी कोई अन्त नहीं रहा।हजारों महिलाओं से भरे हरम सारे के सारे अपहृत लड़कियों के,जिसको चाहा कत्ल किया और घर ,असबाव,धन सव पर कब्जा।डाउसन ने अपने इतिहास में लिखा-अव(1850) जव इन नवाबों के ऊपर कम्पनी का अंकुश है ,तव ये किसी जघन्यता से नहीं चूकते तो इन्हों ने तव क्या किया होगा जब यह निरंकुश थे।हम कैसे कैसे कुत्सित समय की परवरिश हैं।अव हमें गाली मत दो कि हम नाकारे,कायर,रिश्वती,बेईमान हैं।
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