अर्नव गोस्वामी-चीफ एडिटर रिप. भारत-क्या किसी प्रान्तीय सरकार को इतना तुक्ष होना चाहिये।क्या सरकार खुद के पापों,गलतियों,लापरबाहियों,निष्क्रियताओं, को बताने वालों के साथ शत्रुता पर,वह भी व्यक्तिगत स्तर पर उतर कर, एक स्ट्रीट गुंडे की भूमिका में आ सकती है।जब दाऊद इब्राहीम अपने साम्राज्य का,आतंकबाद का बिस्तारपूरी तरह गैरकानूनी तरीके से इसी महाराष्ट्र में दशकों तक करता रहा तब यह कांग्रेस सरकार और यह गन्ना माफिया -पबार क्या कर रहा था।यह ह्रदयबिदारक है कि एक राष्ट्रबादी चैनेल के चीफ एडिटर को प्रताड़ित किया जाय।
भारत के लिये निकट भूत से( 2014) पीछे नौवीं शताव्दी तक का समय अभिषापित,दुर्भाग्य,लूट,कत्ल,विध्वंस,स्त्री व्यभिचार,वेश्यावृत्ति,उजाड़ और छीना झपटी से भरा रहा।यूं तो विदेशी हुक्मरान पैशाचिक धर्मी थे तो उनके निरंकुश कुकर्मों का भी कोई अन्त नहीं रहा।हजारों महिलाओं से भरे हरम सारे के सारे अपहृत लड़कियों के,जिसको चाहा कत्ल किया और घर ,असबाव,धन सव पर कब्जा।डाउसन ने अपने इतिहास में लिखा-अव(1850) जव इन नवाबों के ऊपर कम्पनी का अंकुश है ,तव ये किसी जघन्यता से नहीं चूकते तो इन्हों ने तव क्या किया होगा जब यह निरंकुश थे।हम कैसे कैसे कुत्सित समय की परवरिश हैं।अव हमें गाली मत दो कि हम नाकारे,कायर,रिश्वती,बेईमान हैं।
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