श्री अहमद पटेल-अत्यंत संतुलित,इस्लामी पूर्वाग्रहों से मुक्त राजनीति,सौम्य,प्रभावी भाषा, गंभीर विमर्ष जैसी वहुत सी विभूतियों के धनी कांग्रेसी का निधन एक सुंदर स्थिति के जनक का अंत है।अव राहुल की गाली-राजनीति के युग में वे असहज और मिसफिट थे।उनको,उनके युग को श्रद्धांजलि।

अभी अभी उनके नाम को लेकर कुछ बिचित्र अनुभूति हुई,और ऐसे समस्त नाम इसी शंका के दायरे में आ गये जो अरबी पेट के साथ हिंदू पारंपरिक दिमाक से लैस हैं।यह एक गहरे शातिराना उद्देश्य से किया जाता है,जिससे यह बात लगातार साबित की जा सके कि हिंदू से मुसलमान वनने की प्रक्रिया चल ही रही है और जो भी हिंदू हैं ,मुसलमान वनने की संभावना ऐसे ही है जैसे अहमद पटेल,मुनव्वर राना,मकबूल वट......।

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